इंडिया गठबंधन की बैठक: पेपर लीक पर BJP सरकार पर हमला, CM के बयान की निंदा, CBI जांच की मांग

देहरादून : इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टियों – कांग्रेस, सपा, भाकपा, माकपा और भाकपा (माले) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के खिलाफ चल रहे युवाओं के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया गया। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद पेपर लीक और नकल को रोकने में वह पूरी तरह विफल रही है।

SIT अपर्याप्त, CBI जांच की मांग

बैठक में मौजूद नेताओं ने उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) को देर से उठाया गया और अपर्याप्त कदम करार दिया। उन्होंने मांग की कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के सभी भर्ती मामलों की CBI जांच कराई जाए। साथ ही, UKSSSC के अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया को तत्काल हटाने और उनके कार्यकाल की भी जांच करने की मांग उठी। नेताओं ने कहा कि SIT का कार्यक्षेत्र पूरे प्रदेश तक विस्तारित करना यह साबित करता है कि पहले मर्तोलिया और देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह द्वारा मामले को एक केंद्र तक सीमित बताकर केवल भ्रम फैलाया गया।

CM धामी के ‘नकल जिहाद’ बयान की निंदा

नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने UKSSSC पेपर लीक को ‘नकल जिहाद’ करार दिया था। गठबंधन ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुख्यमंत्री सांप्रदायिकता का सहारा ले रहे हैं। नेताओं ने कहा कि ऐसी बयानबाजी न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाती है।

काशीपुर घटना पर चिंता, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

बैठक में काशीपुर में हाल ही में हुई घटना पर गंभीर चिंता जताई गई। नेताओं ने इसे पुलिस और प्रशासन के सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और भीड़ नियंत्रण में नाकामी का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों के उत्पीड़न का सार्वजनिक प्रदर्शन अमानवीय और गैरकानूनी है। गठबंधन ने जोर देकर कहा कि यदि पुलिस को लगता है कि किसी ने अपराध किया है, तो उसे कानून के दायरे में रहकर अदालत से सजा दिलानी चाहिए। कानून से बाहर कार्रवाई करना यह दर्शाता है कि पुलिस को अपने आरोपों पर भरोसा नहीं है।

राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग

बैठक में निर्णय लिया गया कि इंडिया गठबंधन जल्द ही उत्तराखंड के राज्यपाल से मुलाकात करेगा और पेपर लीक, भ्रष्टाचार और सामाजिक सौहार्द जैसे ज्वलंत मुद्दों पर हस्तक्षेप करने का आग्रह करेगा। गठबंधन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो युवाओं और जनता का आक्रोश और बढ़ेगा।

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