उत्तराखंड IPS अधिकारी रचिता जुयाल का VRS स्वीकार, सरकारी सेवा से इस्तीफा

देहरादून : भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की अधिकारी रचिता जुयाल का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। रचिता ने मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को VRS के लिए आवेदन भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। वर्तमान में वह सतर्कता विभाग में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थीं। उनके अचानक इस्तीफे की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चा में हैं।

रचिता ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह राजभवन में राज्यपाल की सहायक पुलिस उपाधीक्षक (ADC) के पद पर कार्यरत रहीं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर इंटेलीजेंस ब्यूरो में भी अपनी सेवाएं दीं। उनकी कार्यकुशलता और समर्पण की प्रशंसा विभिन्न स्तरों पर की जाती रही है।

इस्तीफे के पीछे निजी कारण

रचिता ने VRS के लिए निजी और पारिवारिक कारणों का हवाला दिया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि निजी क्षेत्र में बेहतर अवसरों और करियर की नई संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है। उनके इस फैसले ने पुलिस और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का माहौल बना दिया है।

रचिता के इस्तीफे ने उत्तराखंड में युवा अधिकारियों के बीच सरकारी सेवा छोड़कर निजी क्षेत्र की ओर रुख करने की बढ़ती प्रवृत्ति को फिर से उजागर किया है। उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी जा रही हैं, और यह देखना बाकी है कि वह अपने करियर में आगे क्या दिशा चुनती हैं।

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